CM Ashok Gehlot With Rahul Gandhi and Sachin Pilot |
सचिन पायलट (Sachin Pilot) BJP के संपर्क में, 30 MLA भी छोड़ सकते हैं कांग्रेस का दामन, गहलोत बोले 15 करोड़ दे रही BJP
राजस्थान की इस सियासी उठापठक पर राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का बयान पढ़िए !
हमने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं को विश्वास में लिया, उनसे मुलाकात भी की, सब कुछ किया। बीच-बीच में वो लोग कई तरह की टिप्पणियां करते गए तब भी हमने बुरा नहीं माना, मैं चाहता था पूरे मुल्क में एक मैसेज जाए कि राजस्थान सरकार पक्ष को, विपक्ष को, तमाम वर्गों को साथ लेकर चलना चाहती है क्योंकि कोविड की लड़ाई कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है। ये बीजेपी के लोगों को समझना पड़ेगा ये महामारी है। कोविड जब इफैक्ट करता है तो वो नहीं देखता कि ये कांग्रेस वाला है या फिर बीजेपी का है, कौनसी जाति का है, कौनसे धर्म का है। इसलिए कोरोना की जंग को लड़ने के लिए उस मर्म को समझकर सबको साथ लेकर चले। दुर्भाग्य है कि बीजेपी वालों को यह समझ नहीं आ रहा है, वो कोई न कोई आरोप लगाते ही रहते हैं, तब भी मैंने सभी इंटरव्यू में हमेशा कहा कि हम सब मिलकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं।परन्तु बीजेपी और इनके नेताओं ने मानवता और इंसानियत की सारी हदें तोड़ दी। एक तरफ तो हम जीवन और आजीविका बचाने में लगे हुये है और दूसरी तरफ ये लोग सरकार गिराने में लगे हुये है। मुझे और मेरे साथियों को, जो मंत्रिमंडल के साथी हैं, विधायक हैं, कांग्रेस के नेता हैं सबको सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हमारा ध्यान पूरी तरह कोरोना (Corona) की जंग पर होना चाहिए और उसी में हम लोग लगे हुए हैं। रोज रिव्यू मीटिंग करते हैं, वीसी करते हैं, पूरे राजस्थान के हर वर्ग से मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया है और ये लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़-फोड़ करें, खरीद-फरोख्त करें, इन तमाम कामों में लगे हुए हैं।
मैंने बीजेपी के नेताओं को देखा है, वाजपेयी जी भी प्रधानमंत्री बने थे तब ऐसी बात नहीं थी, अब जो 2014 के बाद देख रहा हूं इतना अहम्-घमंड आ गया है, अहंकार है, ये खुलकर देश के सामने आ गए हैं धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर...लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हुए हैं, इनकी फासिस्टी सोच है, लोकतंत्र में कोई यकीन नहीं है। ऐसे लोग सत्ता में बैठ गये हैं जो आज विभिन्न प्रदेशों में सत्ता को गिराने का काम कर रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश में हमारे विधायकों की संख्या 60 में से 42 थी, सारे विधायकों को उन्होंने खरीद लिया और सरकार बदलवा दी, एक तो एक्स चीफ मिनिस्टर को इन लोगों के कारण से सुसाइड करना पड़ा। उत्तराखंड में लालच देकर लोगों को बीजेपी में ले जाया गया और आज उत्तराखंड में जो सरकार है उसमें से 5 मंत्री वो हैं जो कांग्रेस से गए थे और महाराष्ट्र में तो कमाल ही हो गया, जब सरकार बनी, मेज्योरिटी नहीं थी तब भी सुबह-सुबह शपथ दिला दी गई और मोदीजी ने भी सुबह 7 बजे शपथ लेते ही बधाई का ट्वीट कर दिया और देवेन्द्र फडनवीस जी ने वापस ट्वीट किया 'मोदी है तो मुमकिन है'। कर्नाटक में भी ऐसे ही हुआ, मेज्योरिटी नहीं थी लेकिन येदियुरप्पा जी को शपथ दिला दी गई, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार को वापस इस्तीफा देना पड़ा, पर ये लोग चूके नहीं, वहां भी वापस खरीद-फरोख्त करके सरकार बनाई गई। मध्यप्रदेश में सबको मालूम है किस्से-कहानी क्या-क्या हुए। लाखों करोड़ों रूपये खर्च कर बेशर्माई से तख्ता पलट करवा रहे हैं। जिसमें दुर्भाग्य से इनको गर्व महसूस होता है।
इनकी सोच दर्शाती है 5 साल तक राधाकृष्ण विखे पाटिल जो कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष थे 2019 में चुनाव के दो महीने पहले उनको शामिल करवा दिया गया बीजेपी के अंदर और मंत्री बना दिया। मैं उम्मीद करता हूं गुलाबचंद कटारिया की ये सोच नहीं होगी। वो आरएसएस (RSS) के खांटी नेता हैं, बीजेपी के बहुत सीनियर नेता हैं और न हम उनको लेने वाले हैं। सतीश पूनिया जी (Satish Poonia) हों, राजेंद्र राठौड़ जी (Rajendra Rathod) हों राजस्थान में सरकार को गिराने के लिए ये अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर जिस प्रकार का खेल खेल रहे हैं ये तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं, जनता समझ गई है और किस प्रकार से कभी एडवांस में 10 करोड़ रुपए लो, सरकार गिर जाएगी तो फिर आपको 15 करोड़ रुपए देंगे, कोई बहुत करीबी हैं तो कहेंगे आपके लिए तो एक्स्ट्रा ध्यान रख लेंगे। पता नहीं क्या-क्या ये बातें फैला रहे हैं, वादे कर रहे हैं, कोई सोच ही नहीं सकता।
बीएसपी को लेकर कमेंट करते हैं कि बीएसपी (BSP) को आपने मिलाया तो बीएसपी पूरी मर्ज हुई है हमारे यहां पर, कोई हॉर्स ट्रेडिंग नही हुई। कानून कहता है दो तिहाई बहुमत है किसी पार्टी का, अगर वो अलग होना चाहता है तो हो सकता है, पर जिस रूप में इन्होंने जो खेल खेला है और खेल खेल रहे हैं, वो सबके सामने है। राजस्थान के अंदर भी एक माहौल ऐसा बनाया गया है कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश के अंदर घटनाएं हुई हैं, उसी प्रकार से राजस्थान में कैसे खेल खेलें क्योंकि राजस्थान आज तक भी बचा रहा, अच्छी परंपरा रही है। सरकारें बदलती रहती हैं, कांग्रेस की आ जाए, फिर बीजेपी की आ जाए, हमारी दृष्टि में जनता का आदेश शिरोधार्य होता है। आज तक की परंपरा में मैंने कभी भी नहीं देखा जैसे अन्य प्रदेशों में हॉर्स ट्रेडिंग हुई है, वैसे राजस्थान में हमारे यहां कभी नहीं हुई। यहां कभी भी विधायकों ने इस्तीफे नहीं दिए।
जैसे बकरा मंडी में बकरे बिकते हैं, उस ढंग से खरीदकर राजनीति करना चाहते हैं, ये इनकी बेशर्मी की हद है। गुजरात के अंदर 7 विधायकों को खरीद लिया और तिकड़म से दो सीटें जीत गए, उसी में गर्व महसूस करते हैं। राजस्थान में हमने इनकी चाल चलने नहीं दी और जो हमारे पास जितने कांग्रेस के या समर्थन करने वाली पार्टियां थीं सबके सहयोग से हमने पूरे वोट लिए, दो सीटें हमने जीती हैं। इनको सबक सिखाया है, पर मानने वाले कहां हैं। ये तिकड़मी लोग हैं, बेशर्म लोग हैं, इसलिए ये वापस अपने असली चेहरे पर आ रहे हैं।
ये लोग आज लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, पूरे मुल्क के लोगों को डरा रखा है,धमका रखा है। इसी रूप में आज सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स एजेंसियों का मिस यूज कर रहे हैं । मेरा मानना है कि ये कुछ भी कर लें, देश की जनता का रोबस्ट कॉमनसेंस एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है। उन्होंने जब-जब मौका लगा है तो सत्ता का तख्ता पलटने में देरी नहीं की, ये देश गवाह है, इंदिरा गांधी जी के वक्त से मैं देख रहा हूं। आज मोदी जी को या अमित शाह जी को जो घमंड-अहम् है, इनके घमंड को टाइम आने पर इस देश की जनता चकनाचूर कर देगी।
राहुल गांधी जी, सोनिया गांधी जी जो कांग्रेस प्रेसीडेंट हैं या हमारे कांग्रेस के अन्य नेता सवाल उठाते हैं, जो विपक्ष का धर्म होता है, ये कभी उनका जवाब नहीं दे पाते हैं और उल्टा उनके ऊपर अटैक करने के लिए अपने मंत्रिमंडल के लोगों को बिना आर्ग्यूमेंट के, बिना तथ्यों के उतारते हैं, कांग्रेस के नाम से इतने घबराए हुए भी हैं। कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते थे, अब ये कांग्रेस के नाम से ही डरते हैं।
राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी, 5 साल चलेगी और अगले चुनाव जीतने की तैयारी में हम लग गए हैं। उसी ढंग से हमने बजट पेश किया है, उसी ढंग से हम गवर्नेंस दे रहे हैं, उसी ढंग से हम लोग इस संकट की घड़ी में भी चाहे कोरोना हो, लॉकडाउन हो उसके बावजूद भी हमारा प्रयास है कि जीवन बचाएं- आजीविका बचाएं। पूरे राजस्थान की जनता से हमारा संपर्क है, वीसी के माध्यम से हर वर्ग से संपर्क कर रहे हैं और मुझे कहते हुए खुशी है कि लोगों ने कोरोना के मैनेजमेंट को देखा है, पूरे प्रदेश के लोगों को इस बात का गर्व है कि राजस्थान की चर्चा पूरे देश के अंदर हो रही है। राजस्थान के मैनेजमेंट की चर्चा पूरे मुल्क में होना ये सिर्फ मेरे लिए गर्व की बात नहीं है, राजस्थान प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात है क्योंकि सबने मिलकर इस लड़ाई को लड़ा है। उस माहौल में इनके द्वारा सरकार गिराने के प्रयत्न को यहां की जनता कभी माफ नहीं करेगी, सबक सिखाएगी।
Comments
Post a Comment
If You have any doubt, please let me know.