मुख्यमंत्री शिवराज के अनुरोध पर वरिष्ठ साहित्यकारों ने किया इतने रुपयों का आर्थिक सहयोग ! |
मध्यप्रदेश में कोराना से युद्ध में हर नागरिक बन रहा योद्धा
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अनुरोध पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोरोना प्रभावितों के कल्याण के लिए आर्थिक सहयोग का सिलसिला निरंतर चल रहा है। जहाँ एक ओर राजधानी भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकारों ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में योगदान देने का संकल्प लिया, वहीं दूसरी ओर अन्य सामाजिक संगठनों ने भी इस विपदा के वक्त में अपनी ओर से मदद का हाथ बढ़ाया है। प्रदेश का प्रत्येक नागरिक इस युद्ध में योद्धा की भूमिका निभा रहा है। यही जागरूकता प्रदेश को अलग पहचान देगी।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न संगठनों से सहायता कोष में सहयोग के आह्वान के बाद अनेक औद्योगिक संस्थान आर्थिक सहयोग प्रदान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री सहायता कोष में हिंदी भवन की ओर से भी सहायता राशि प्रदान की जा रही है। हिंदी भवन न्यास के प्रमुख श्री कैलाश चंद्र पंत ने बताया कि श्री चौहान के आव्हान के मात्र 5 दिन में एक लाख रुपए की राशि रचनाकारों द्वारा जमा की जा चुकी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में एनसीसी और एनएसएस के युवा जन-जागरूकता का कार्य कर रहे हैं। लोगों को लॉक डाउन का पूरी तरह पालन करने की बात समझाई जा रही है। जिस तरह इंदौर में एक बुजुर्ग महिला सुषमा केलकर ने स्वयं मास्क बनाकर लोगों को प्रदान करने की पहल की है, उसी तरह जबलपुर की श्रीमती ज्योति जैन ने करीब पौने पांच हजार मास्क तैयार कर विभिन्न इलाकों में वितरित करवाए हैं। यही नहीं, इन्हें सेनेटाइज भी किया गया और लोगों को इसके उपयोग की विधि से भी अवगत करवाया गया। नागरिकों द्वारा लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी कर रहे पुलिस के जवानों को भोजन उपलब्ध करवाने का क्रम भी जारी है। आज भोपाल शहर के तुलसी नगर, शिवाजी नगर में महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को फूड पैकेट्स उपलब्ध करवाए।
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बढ़ रही जागरूकता
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प्रत्येक व्यक्ति मास्क का उपयोग करे, इसके लिए नागरिकों द्वारा परस्पर समझाइश देने की खबरें निरंतर मिल रही है, जो प्रदेश की जनता की जागरूकता का उदाहरण है। कोरोना संक्रमितों के बड़ी संख्या में स्वस्थ होकर अस्पताल से घर वापस आने की खबरें भी जनमानस को उत्साहित कर रही हैं। जहां एक ओर मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रतिदिन उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में चिकित्सा के प्रयासों और लोगों द्वारा सहयोग देने के कार्यों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, वही दूसरी ओर यह भावना प्रत्येक जिले में, प्रत्येक गाँव में भी दिखाई दे रही है। कोराना योद्धाओं के रूप में न सिर्फ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों बल्कि सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भी कार्य करने के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। इसी वजह से मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के कार्य में निरंतर सफलता मिल रही है ।
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उदाहरण बनेगा मध्यप्रदेश
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मध्यप्रदेश अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बने, इसके लिए जन-प्रतिनिधि भी सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पदभार संभालने के पहले सप्ताह में ही महिला छात्रावासों, कंट्रोल रूम, भोजन शालाओं और क्वारेंटाइन की व्यवस्थाओं को स्वयं जाकर देखा और कार्य कर रही टीम का मनोबल बढ़ाया। अन्य निर्वाचित जन-प्रतिनिधि भी निरंतर कोराना नियंत्रण के लिये कार्य कर रहे हैं। दतिया में पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने लोगों को स्वच्छता और परस्पर दूरी बनाए रखने के महत्व से अवगत करवाया। सागर में श्री शैलेंद्र जैन सैनिटाइजर के महत्व से लोगों को परिचित करवा रहे हैं। इंदौर, होशंगाबाद, खंडवा, अलीराजपुर, मंडला और सीधी जिलों से भी जन-प्रतिनिधियों द्वारा ऐसी पहल किये जाने के सुखद समाचार प्राप्त हो रहे हैं। ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में भी आमजन जागरूक होकर कोरोना संक्रमण का मुकाबला कर रहे हैं। शासन-प्रशासन को सहयोग देने की इस भावना से प्रदेश में शीघ्र ही कोरोना वायरस के नियंत्रण के कार्य में कामयाबी मिल जाएगी।
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आज विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने कोरोना से निपटने के लिये किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की है। इसमें जन अभियान परिषद के कार्यकर्ता, गायत्री परिवार और सेवा भारती के स्वयंसेवक भी शामिल हैं। ये प्रयास न सिर्फ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा दिन-रात किए जा रहे परिश्रम को सार्थक बनाएंगे बल्कि कोराना रोग नियंत्रण और नागरिकों के जीवन की रक्षा के अहम कार्य में भी जनभागीदारी का नया इतिहास लिखेंगे।
आगर-मालवा जिले में लॉक-डाउन से प्रभावित आम जनता की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिये डाक विभाग द्वारा 'एनेबल पेमेंट सर्विस' शुरू की गई है। इसके लिये जिले में पोस्ट मास्टर श्री अजय बाफना द्वारा 40 कर्मचारियों की विशेष टीम बनाई गई है। यह टीम गाँव-गाँव जाकर ग्रामीण जनता को 10 हजार रुपये तक के भुगतान मोबाइल के माध्यम से कर रही है।
यह सेवा उन बैंक खाता धारकों को दी जा रही है, जिनके बैंक खाते आधार से लिंक होंगे। कलेक्टर श्री संजय कुमार ने इस पहल के लिये लीड बैंक मैनेजर को आवश्यक निर्देश दिये हैं। इस अभिनव पहल से बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
कोरोना वायरस के संकट से प्रदेशवासी प्रभावित हुए हैं। ऐसे संकट के समय में जबलपुर शहर के अमखेरा रोड खजरी बायपास स्थित पठान स्टील्स के संचालक श्री जरार खान ने कलेक्टर श्री भरत यादव को सेनेटाइजिंग बूथ नि:शुल्क प्रदान किया है। संक्रमण के इस दौर में यह बूथ अत्यंत उपयोगी साबित हुआ है।
कलेक्ट्रेट कार्यालय में सेनेटाइजिंग बूथ लेकर पहुंचे पठान स्टील्स के संचालक श्री जरार खान बूथ की स्प्रे पंप कार्य-प्रणाली को कलेक्टर ने देखा और समझा। विद्युत चलित इस बूथ में तीन स्प्रे पंप लगे हैं। कलेक्टर ने इस योगदान के लिए श्री जरार की मुक्तकंठ से सराहना की।
कलेक्टर ने सेनेटाइजिंग बूथ को सेठ गोविन्ददास जिला चिकित्सालय विक्टोरिया हॉस्पिटल भेज दिया ताकि संक्रमण रोकने के काम में दिन-रात लगे अस्पताल के चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ संक्रमण मुक्त होकर अपना दायित्व निभा सकें।
सेनेटाइजिंग बूथ में प्रवेश करते ही व्यक्ति के वजन से सेनेटाइजर के फव्वारे (स्प्रे) शुरू हो जाते हैं और बाहर निकलते ही फव्वारे स्वत: बंद भी हो जाते हैं। बूथ के ऊपर सेनेटाइजर टैंक होता है, खाली होने पर उसे पुन: आसानी से भरा जा सकता है। मदद की ये छोटी-छोटी कोशिशें आपदा से लड़ने में बड़ा हौसला प्रदान कर रही हैं।
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