Shivraj Singh Chouhan's Opinion on CAB Bill 2019 |
आज जब नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पारित हो गया है, तब जा कर हृदय को शांति मिली है। आप सोचेंगे कि आख़िर इस बिल में ऐसा क्या है, क्यों मैं ऐसी बात कह रहा हूँ! ये बात कुछ वर्षों पहले की है, जब मैं मुख्यमंत्री था और इंदौर दौरे पर गया था तब श्री शंकर लालवानी, जो आज इंदौर से सांसद है कुछ सिंधी परिवारों को एयरपोर्ट पर मुझसे मिलवाने लाए थे। ये वो परिवार थे, जो पाकिस्तान में प्रताड़ित हो कर अपना सब कुछ गँवा कर, अपनी माँ-बहनों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत में शरणार्थी बन कर आए थे, और उन्हें उनके वीज़ा की अवधि समाप्त होने पर वापिस भेजा जा रहा था। इन परिवारों की छोटी-छोटी बच्चियाँ, माताएँ, बहनें मुझे भैया - मामा - मामा कहते हुए, रोते बिलखते हुए अपनी आपबीती सुना रही थी। पाकिस्तान में वापिस जाना मतलब नरक में जाना, जहाँ पर उनको जबरन उठा कर ले ज़ाया जाता है, धर्म परिवर्तन करवाया जाता है, और ऐसे अपराध किए जाते है जिसको सुनकर हमारी आत्मा तक काँप जाए। तब मैंने कलेक्टर से कह कर उनका डीपॉर्टेशन रुकवा दिया था। इस घटना के बाद मैं कई दिनों तक ठीक से सो नहीं पाया! उन मासूम चेहरों के पीछे का दर्द मेरे हृदय के किसी कोने में हमेशा के लिए बस गया था। आज उस दर्द पर दवा लगाने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया है। जो इस बिल को संसद में फाड़ कर इसका विरोध कर रहे है, उनको ये दर्द महसूस कभी नहीं होगा। वो दिलों को जोड़ने की मानसिकता से कोसों दूर है। वो सिर्फ़ तोड़ना और फाड़ना जानते है। उनको ये जान लेना ज़रूरी है कि, ये बिल के द्वारा भारत ने अपनी महान मानवतावादी संस्कृति का परिचय पूरे विश्व को दिया है। अगर पाकिस्तान में, बांग्लादेश में, या विश्व के किसी भी देश में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध धर्म का पालन करने वाले परिवारों को सिर्फ़ अपने धर्म की वजह से प्रताड़ित किया जाता है, तो आख़िर वो जाएँगे कहाँ? भारत के अलावा ऐसा कौन सा देश है जो इनको शरण देगा और सम्मान से जीने का मौक़ा देगा? इस बिल के नाम पर भारत के मुसलमान भाइयों-बहनों को भ्रमित कर डराने वाले ये उनको ये सच्चाई क्यों नहीं बताते कि वो भारत के अभिन्न अंग है और उनकी नागरिकता पर इस बिल का कोई असर नहीं होने वाला है। उनको ये मालूम होना चाहिए कि भारत के मुसलमान क्या इस बात को नहीं समझते की घूसपेठिया होने में और शरणार्थी होने में बहुत बड़ा अंतर है? मुसलमानों का राजनीतिक वोट बैंक की तरह उपयोग करने वाले पहले ही औंधे मुँह गिरे है, और आगे भी उनके साथ यही होने वाला है। आज की सुबह उन सभी हिंदुओं के लिए एक नयी आशा की किरण ले कर आयी है, जो सिर्फ़ अपने धर्म की वजह से धार्मिक कट्टरता वाले देशों में अपना सब कुछ गँवा देते है! ये महान कार्य सिर्फ़ और सिर्फ़ श्री नरेंद्र मोदी ही कर सकते थे। वो इन परिवारों के लिए देवदूत से कम नहीं है। आज मैंने कुछ ज़्यादा लिख दिया, लेकिन हृदय के किसी कोने में पड़े हुए इस दर्द को छलकने का इससे अच्छा समय हो ही नहीं सकता था। मेरी और ऐसे तमाम परिवारों की और से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन और गृहमंत्री श्री अमित शाह का आभार। और यहाँ पर ये कहना भी ज़रूरी है कि जिस तरह से गृहमंत्री श्री अमित शाह ने संसद में इस बिल पर बहस के दौरान जो तथ्य रखे, वो सत्य को उजागर करने वाले थे। उनका ये वाक्य की “ये सिर्फ़ महज़ एक बिल नहीं परंतु यातनाओं से मुक्ति का दस्तावेज है।”हृदय को प्रफुल्लित कर गया!
आपका
शिवराज
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