LIVE: Press briefing by Anand Sharma, MP, Rajya Sabha and former Union Minister.
जो जनादेश मोदीजी-भाजपा को मिला, उसके बाद सरकार की कार्यशैली दुर्भावना और अहंकार से भरी हुई है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। भारत के सामने गंभीर संकट है, मगर सरकार अपने खोखले दावों और मंत्री अपने बड़बोलेपन से उस पर अंकुश नहीं लगा रहे हैं जो संस्थाएं देश और संविधान के प्रति जवाबदेह हैं, उनका अपने कर्त्तव्य में विफल रहना भी चिंता का विषय है। देश की न्यायपालिकाएं संवेदनशील मुद्दों पर भी गौर फरमाने की बजाय उनको आगे खिसका रही है। कई मामलों में देश की आलोचना हो जाती है देश में भय का वातावरण है। कांग्रेस पार्टी ने समय-समय पर अपनी बात रखी है, चिंता जताई है। मगर इसका असर सरकार पर नजर नहीं आता। प्रजातंत्र में सबकी बात सुनी जानी चाहिए और संस्थाओं को निडर होकर काम करना चाहिए
आज वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने समाधानरहित प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ये निराशाजनक था। देश में आर्थिक संकट को देखते हुए उम्मीद थी कि सरकार अर्थव्यवस्था की बेहतरी और विश्वास बहाल करने के लिए कदम उठाएगी। मगर वित्त मंत्री ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया यह सरकार और वित्त मंत्री इस आर्थिक संकट का सही रूप में आंकलन नहीं कर पा रहे। उनके पास न तो क्षमता है और न ही दृष्टि, जीडीपी कम होकर 5% तक आ गई; रोजगार लगातार कम हो रहे हैं। अकेले ऑटो मोबाइल सेक्टर में 38% की कमी आई है। यात्री वाहनों में 41%; दोपहिया वाहनों के निर्माण में 22% की कमी आई है। इस सेक्टर में 21 साल का सबसे बड़ा संकट आया है इन सबके बावजूद वित्त मंत्री के जवाब हास्यास्पद और अपमानजनक है। वित्त मंत्री द्वारा इस संकट के लिए युवा पीढ़ी को जिम्मेदार ठहराया जाना देशवासियों के साथ मजाक है, इस संकट से उबरने के लिए सरकार द्वारा निवेश किया जाना बेहद जरूरी है। मगर आज सरकार के पास राजस्व नहीं है। सरकार का राजस्व संकलन लक्ष्य के मुकाबले एक तिहाई चल रहा है, इस सरकार का छठा साल चल रहा है। पिछले पांच साल में निर्यात में भारी कमी देखने को मिली है। इस बार भी निर्यात पिछले साल के मुकाबले कम रहने की संभावना है ये 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने कहा है कि अगर हमें 5 ट्रिलियन तक पहुंचना है, तो लगातार हमारी नॉमिनल ग्रोथ 12% एवं जीडीपी 9% होनी चाहिए। जो हालात हैं, उसमें तो यह संभव नहीं लग रहा
India’s economy is in shambles, we are facing a grave situation but the Govt with its false promises and its outspoken ministers, are not working towards stopping that, It has been observed that our legal institutions have been stalling a lot of important matters. Doing that invites global flak, and Indian citizens, for whom it is a matter of their fundamental rights, are also disheartened. I am referring to the recent issue of J&K. It is about the fundamental rights of the citizens, political leaders, Congress leaders. It is expected that the judiciary will do justice, There’s an atmosphere of disappointment and fear in the country. People are losing faith and this will deeply damage our democracy. It’s not about a few citizens, it’s about the democracy, Finance Minister just concluded a press conference. It was disappointing. Looking at India’s economic situation, it was expected that Govt will take steps to resuscitate economy, increase investments, create jobs, address issue of exports etc, The Finance Minister did not announce any measures that would address the current economic situation. The BJP and its ministers lack a vision to revive the economy, BJP ministers have been making shocking statements insulting the youth. The FM said that the millennials are responsible for the economic slowdown and has not apologised for her statement so far, No Finance Minister before this has made such an insulting remark under a difficult economic situation, Unless the government invests, reviving the economy seems difficult, The $5 Trillion economy seems like a distant dream. In their 6-year tenure they have only gone further by 0.7 Trillion dollars
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