Home Minister Shri Amit Shah is addressing the 7th convocation of Pandit Deen Dayal Upadhyay Petroleum University. अमित शाह ने कहा की आने वाला जमाना पर्यावरण का जमाना है। अगर हम आने वाले समय में global warming की चिंता नहीं करेंगे तो हम दुनिया को स्वस्थ और सुन्दर नहीं देख पाएंगे, पंडित दीन दयाल उपाध्याय पेट्रोलियम विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। अल्प समय में ही आज ये विश्वविद्यालय विश्व में अपना नाम बनाने में सफल हुई है। अनेक देशों के छात्र-छात्राएँ यहां शिक्षा के लिए आ रहे हैं, दीनदयाल उपाध्याय जी ऐसे महान द्रष्टा थे, जिन्होंने दुनिया की समस्याओं को 60 साल पहले देखा और पहचाना था और उन समस्याओं के समाधान का रास्ता भी बताया था, हमारे वेदों और उपनिषदों में कहा गया है कि कुदरत का कभी शोषण नहीं करना चाहिए, उसका दोहन करना चाहिए। इसी सिद्धांत के आधार पर दीन दयाल उपाध्याय जी ने एकात्मक मानववाद की थ्योरी दुनिया के सामने रखी, 12 साल की छोटी अवधि में 5,000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अनेक विषयों में यहां से शिक्षा लेकर निकले हैं। आप सब सौभाग्यशाली हैं कि आपका इस विश्वविद्यालय से नाता जुड़ा है, 2014 में देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल थी, लेकिन आज 2019 में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
आज हमारी विकास दर 7% से ऊपर है और महंगाई जो 9% के आसपास रहती थी, उसे 3% के नीचे ले जाने में हमें सफलता मिली है, प्रधानमंत्री जी ने एक विजन रखा है कि भारत ने अब नीचा लक्ष्य नहीं रखना चाहिए, 2022 तक दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्था में भारत को पहुंचाने का लक्ष्य प्रधानमंत्री जी ने रखा है। इसके लिए माइक्रो प्लानिंग करके देश आगे बढ़ रहा है, स्टार्ट अप के लिए एक बेहतर इकोसिस्टम खड़ा करने के लिए केंद्र ने एक सफल प्रयास किया है।
DPIIT के द्वारा 20 हजार से अधिक स्टार्ट अप को मान्यता दी गई है, जबकि आजादी से 2014 तक ये संख्या मात्र 3 हजार से भी कम थी, जो फैसले लोगों को अच्छे लगें ऐसे फैसले मोदी जी नहीं लेते हैं। बल्कि ऐसे फैसले लेते हैं जो लोगों के लिए अच्छे हों। इसकी राजनीतिक कीमत चुकाने की प्रधानमंत्री जी की हिम्मत भी है और जज्बा भी है, आने वाला साल गांधी जी की जयंती का 150वां साल है।
वो एक ऐसे महामानव थे, जो एक सहस्त्र शताब्दी के सबसे लोकप्रिय और प्रासंगिक व्यक्तित्व थे, जब हम पेरिस जलवायु सम्मेलन में मोदी जी को भाषण देते सुनते हैं, विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक पंचायत में देश की राष्ट्र भाषा हिंदी में जब मोदी जी देश की अर्थव्यवस्था की ताकत को समझाते हैं, तो हमारा सीना गर्व से फूल जाता है, जो फैसले लोगों को अच्छे लगें ऐसे फैसले मोदी जी नहीं लेते हैं।
बल्कि ऐसे फैसले लेते हैं जो लोगों के लिए अच्छे हों।
इसकी राजनीतिक कीमत चुकाने की प्रधानमंत्री जी की हिम्मत भी है और जज्बा भी है: गृह मंत्री श्री अमित शाह
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