Tejashwi Yadav Asking Resignation From CM Nitish Kumar |
बिहार में सरकार और पुलिस ने कानून व्यवस्था पर पूरी तरह से अपना इकबाल गँवा दिया है। बिहार में औसतन 50 हत्याएँ हो रही है। पुलिस का एकमात्र कार्य सत्तारूढ़ दलों की घृणित राजनीति के प्यादे के रूप में अपनी उपयोगिता सिद्ध करना रह गया है। सुशासन का प्रशासन सत्ता के हनक और सनक के सामने अपने कर्तव्यनिष्ठा को सरेंडर कर चुका है। अफसर सत्तारूढ़ नेताओं की गाड़ियों में घूम रहे है और अपराधी सरकारी गाड़ियों में। मुख्यमंत्री पुलिसकर्मियों के हत्यारों को, बलात्कारियों को और शराब माफ़ियाओं को अपने घर के अंदर तक का एंट्री पास देते हैं। ऐसे में पुलिस बल का क्या मनोबल रह जाएगा?
बिहारवासियों का हर दिन अपराध और अपराधियों के बीच सहमते गुजर रहा है। सत्तारूढ़ दल के के नेता-कार्यकर्ता पुलिस का स्टिकर चिपका कर पार्टी का झंडा लगाकर शराब की तस्करी कर रहे हैं। सत्तारूढ़ दल के मंत्री मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में लिप्त है। सत्तारूढ़ दल के नेता 30 बच्चों को अपनी कार से कुचल देता है। लूटपाट और छेड़छाड़ का विरोध करने पर व्यापारियों और महिलाओं को गोलियों से छलनी किया जा रहा है।
ब्यूरो चीफ़ नीतीश कुमार अपनी मीडिया की एडिटिंग के भरोसे बेफिक्र हैं कि जनता को सच्चाई का पता नहीं चलेगा। अगर मुख्यमंत्री से अपराध क़ाबू नहीं हो पा रहा और कुछ नैतिकता बची है तो तुरंत अपने पद से इस्तीफा देकर सूबे की जनता को अपनी सिद्धांतविहीन राजनीति और सत्ता संरक्षण में पनपते अपराध से निजात दिलाएं।
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