CM Kamal Nath Meeting in Bhopal |
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज प्रदेश में फूड पार्क की वर्तमान स्थिति और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग विभागों को मार्च के अंत तक नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के नये लक्ष्य तय कर उनका व्यावसायिक संचालन शुरू करवाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का अनंत संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि फूड पार्क में सिर्फ प्लाट आवंटन और थोड़े से अधोसंरचनात्मक सहयोग से प्रगति का आकलन ठीक नही है। इकाइयों की सफलता उनके व्यावसायिक उत्पादन और उनके उत्पादों की बिक्री से तय होनी चाहिए । अधोसंरचना उपलब्ध कराना सिर्फ प्रारंभिक काम है।
वर्तमान में प्रभावी खाद्य प्रसंस्करण नीति 2014 के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति से ज्यादा जरूरी है इच्छा शक्ति। कई राज्य बिना किसी खाद्य प्रसंस्करण नीति के भी उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि छिन्दवाड़ा में आर्किड पार्क और मंदसौर में लहसुन, गुना में धनिया प्रसंस्करण पार्क, क्लस्टर या अन्य स्थानों पर किसी और प्रसंस्करण इकाइयों की संभावना बनती है है तो तत्काल कार्यवाही करें। जो निवेशक या उद्यमी प्रदेश में अपनी रूचि दिखाते हैं उन्हें तत्काल सहयोग दें। उन्होंने छिन्दवाड़ा में आर्किड पार्क के लिए सात दिन में कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए है। बैठक में बताया गया कि डाबर कंपनी ने आयुर्वेद औषधि पार्क के लिए मध्यप्रदेश को चुना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संभवत: प्रदेश के उद्यमियों को ही फूड पार्क में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित करें। उन्हें पूरा सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि फलों के प्रसंस्करण और औषधीय पौधों के प्रसंस्करण की भी व्यापक संभावनाएँ है। इसके कारण आयुर्वेदिक औषधि अनुसंधान का नया क्षेत्र खुल रहा है। समय रहते इन संभावनाओं भरपूर दोहन करने के लिए रणनीति बनाएँ। इससे जुडे विभाग स्वयं उद्यमियों और निवेशकों के पास जायें । उन्हें अपनी इकाइयाँ प्रदेश में लगाने के लिए प्रेरित करें।
बैठक में कृषि मंत्री श्री सचिव यादव एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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