Akhilesh Yadav Meeting With Sagar Kasana |
इस अवसर पर श्री सागर कसाना के पिता जी, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री इन्द्रजीत सरोज तथा श्री राजेन्द्र चैधरी भी उपस्थित थे।
गाजियाबाद निवासी श्री कसाना ने 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट चोटी पर विजय हासिल की थी। देश का सम्मान बढ़ाने के साथ श्री कसाना अपनी दोस्ती का फर्ज भी अदा करना नहीं भूले थे। उनके सहयात्री बुल्गारिया के ईवान टाब की मृत्यु चैथे बेसकैम्प में हो गई थी। माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के बाद वापस लौटते समय वे अपने दोस्त ईवान टाब का शव भी साथ ले आए थे। यह उनकी मानवीय संवेदना का उदाहरण है।
श्री कसाना इससे पूर्व लेह, लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश, हिमांचल प्रदेश के अलावा यूरोप और रूस के पर्वत शिखरों पर भी पर्वतारोहण में सफल रहे थे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज विभिन्न जनपदों के कार्यकर्ताओं ने भेंट कर शिकायत की कि भाजपा सरकार में निर्दोष और गरीब लोगों को फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है। विपक्षियों का उत्पीड़न हो रहा है। सत्ता का दुरूपयोग हो रहा है। विकास के कार्य रूके हुए हैं। भाजपा की जनहित में कोई योजना लागू करने में कोई रूचि नहीं है।
श्री अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से अन्याय का मुकाबला करने और जोरशोर से चुनाव अभियान में जुटने का आग्रह किया। उन्होंने कहा भाजपा की साजिशों से सावधान रहते हुए कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाकर समाजवादी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देनी चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए अब 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2019 गांधी जयंती से सरदार पटेल की जयंती तक भाजपा सांसदों की पदयात्रा का आयोजन कर रही है। वस्तुतः भाजपा बुनियादी समस्याओं के समाधान के बजाय पदयात्रा कर जनभावनाओं से खिलवाड़ करना चाहती है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज किसान, गरीब, नौजवान सभी परेशान है। नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है। भ्रष्टाचार चरम पर है। किसान को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है और नहीं अभी तक किसानों की आय दुगनी करने की योजना का कोई ठोस प्रारूप सामने आया है। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के जनविरोधी हथकंड़ों को सफल नहीं होने देना है। भाजपा की प्रलोभन की राजनीति से लोकतंत्र और स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों के लिए खतरा हो सकता है। भाजपा का इन मूल्यों से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा और उसका मातृ संगठन आर.एस.एस. कभी भारत की आजादी के आंदोलन में शामिल नहीं रहा। लोकतंत्र में भी उसकी आस्था नहीं है। संविधान का सम्मान भी भाजपा में नहीं है। भाजपा समाजवादी विचारधारा की विरोधी है। श्री यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को वैचारिक स्तर पर अपनी बात मजबूती से रखने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
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