Uma Bharti |
वापसी के दौरान कल रात मैं टिहरी में भागीरथी के किनारे रुकी थी, तब मुझे समाचार पत्रों से जानकारी हुई कि विदेश में बसे कोई गुप्ता बंधु अपने बच्चों की शादी भारत में करने के लिए आ रहे हैं तथा इसके लिए उन्होंने जोशीमठ - उत्तराखंड को चुना है।
मैंने अखबार में पढ़ा कि इस विवाह में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। डेढ़ सौ हेलीकॉप्टर लगेंगेl 800 लोग अभी से इवेंट मैनेजमेंट के लिए पहुंच चुके हैं।
भारत में अमीर एवं गरीब के बीच में गहरी खाई है। खास करके उत्तराखंड में तो सुदूर जंगलों में, पहाड़ों में बसे हुए लोग बहुत सारे मानवाधिकारों से वंचित हैंl अभी भी इस राज्य की लाखों महिलाएं सुदूर पहाड़ों से घास काटकर पीठ पर लाद कर लाती हैं तथा कई बार जंगली जानवरों का शिकार बन जाती है।
जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है तब से स्थितियां बदलने लगी हैं विकास होने लगा है एक ईमानदार मुख्यमंत्री सच्ची निष्ठा से अमीर एवं गरीब की खाई पाटने में लगा हुआ है लेकिन खाई अभी भी गहरी है क्योंकि यह पुरानी कांग्रेसी सरकारों की अनदेखी का परिणाम हैl
लेकिन अभी जोशीमठ जैसी जगह पर जहां पेयजल का घोर संकट हैं तथा आस-पास के गांव में गरीबी फैली हुई है ऐसे समय पर इस प्रकार की शादी गरीबी का अपमान है तथा यह अमीर और गरीब के बीच की खाई को और गहरा कर देगीl
शादी में इस प्रकार के फूहड़ खर्चे एवं अपने धन का ऐसा प्रदर्शन ही इस देश में माओवाद एवं नक्सलवाद के जन्म का कारण बना है बाद में विदेशी शक्तियों ने हमारे देश को कमजोर करने के लिए इसका दुरुपयोग किया है किंतु जन्म तो आर्थिक विषमता ने ही दिया हैl
मैं नहीं जानती कि यह गुप्ता बंधु कौन है। मैं उनसे इस संदेश के माध्यम से सुझाव दूंगी कि वह अपना पैसा जोशीमठ में स्थित शंकराचार्य मठ पर खर्च कर दें जो कि दुर्दशा का शिकार है तथा कुछ पैसा पेयजल, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के संकट निवारण के लिए कर दें तथा शांति से कुछ पंडितों एवं परिजनों की मौजूदगी में अपने बच्चों को शांति से विदा करके ले जाएंl
उत्तराखंड डेस्टिनेशन वेडिंग होना चाहिएl टूरिज्म को भी बढ़ावा देना जरूरी है लेकिन पहले यह अध्ययन करना भी जरूरी है कि रोजगार बढ़े, राज्य के विकास में योगदान हो इसकी जगह कहीं उल्टा ना हो जाए कि राज्य के अभावग्रस्त लोगों को हताशा एवं कुंठा घेर ले तथा वह अपने को वंचित समझेl यह राज्य देवभूमि है, तपोभूमि है, देश के लिए मरने मिटने वालों की भूमि है। यहां पर बाहर के लोग आकर वैसा ही समारोह करें जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार मिले पर्यावरण की रक्षा रहे एवं कोई भी अपने आप को छोटा ना समझेl
हमारे देश में शादी के नाम पर होने वाली फिजूलखर्ची ही कन्याओं की भ्रूण हत्याओं का कारण बन रही है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूरे देश में ही ऐसी शादियों पर रोक लगनी चाहिए।
उत्तराखंड में मेरे प्राण बसते हैं इस राज्य के निर्माण के आंदोलन से लेकर इसके विकास की संरचना तक में तीन महीने पहले तक पूर्ण भागीदार रही हूं फिर मैंने अमित शाह जी से एवं माननीय प्रधानमंत्री से चुनाव नहीं लड़ने की अनुमति ली तथा संगठन में मुझे अमित शाह जी ने जिम्मेवारी दी।
मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की हैसियत से अमित जी की एक निष्ठावान सहयोगी हूं विशेषत: मेरा ध्यान मां गंगा की ओर रहेगा किंतु गरीब आदमी के हक एवं सम्मान के लिए मैं एक चौकस चौकीदार की तरह हाथ में डंडा लेकर के खड़ी रहूंगीl जय देवभूमि, जय उत्तराखंडl
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