Samajwadi Leaders Protest outside Vidhan Sabha in Lucknow |
राज्यपाल महोदय के अभिभाषण की शुरूआत ही भाजपा सरकार के झूठ और हवाई दावों के साथ हुई है। अपराध एवं भयमुक्त तथा विकासोन्मुखी वातावरण की बात कितनी बेमानी है इसी से स्पष्ट है कि प्रदेश में हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाओं की बाढ़ आई है। फर्जी एनकाण्टरों पर सरकार को जवाब देना पड़ रहा है। महिलाएं और बच्चियां इतनी असुरक्षित हैं कि दबंगों और शोहदों के भय से कार्यस्थल और विद्यालयों में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। कई ने तो आत्महत्या तक कर ली हैं। पुलिस, माफिया और भाजपा नेताओं की साठगांठ से प्रदेश में भय का वातावरण व्याप्त है। जनता भयग्रस्त है और अपराधी भयमुक्त। समाजवादी सरकार में अपराध नियंत्रण के लिए बनी यूपी डायल 100 और 1090 की योजना को भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया है।
जहां तक विकासोन्मुखी वातावरण का दावा है यह इस सदी का सबसे बड़ा झूठ है। विकास के नाम पर भाजपा सरकार ने सिर्फ जनता को भटकाने और समाजवादी योजनाओं को ही अपना बताने का फरेब किया है। गांव, गरीब, किसान, नौजवान सब उपेक्षित है। किसान कर्ज से लदा है और आत्महत्या कर रहा है। गन्ना किसान बकाया भुगतान की मांग करते है तो उनका अपमान और उत्पीड़न किया जाता है। मुख्यमंत्री जी अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए गन्ना न बोने की सलाह देने लगे हैं। सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य नहीं मिलने से किसान बिचैलियों द्वारा ठगा जा रहा है। किसान को समाजवादी सरकार में मुफ्त सिंचाई सुविधा मिली थी वह बंद हो गई है।
भाजपा सरकार प्रयागराज में अर्द्धकुम्भ को कुम्भ बताकर और इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज करने को ही अपनी बड़ी उपलब्धि बता सकती है क्योंकि दिव्य और भव्य कुम्भ तो पिछली समाजवादी सरकार में ही सम्पन्न हुआ था जिसकी सराहना हार्वर्ड विश्वविद्यालय से आए शोधार्थियों की टीम ने भी की थी। अभी गत 27 जनवरी 2019 को निर्वाणी अखाड़ा के महंत श्री नरेन्द्र गिरि ने भी कहा था कि समाजवादी सरकार के समय कुम्भ की व्यवस्थाएं बेहतर थी। समाजवादी सरकार के कार्यकाल में कुम्भ आयोजन में सुरक्षा, सुविधा और सम्मानजनक तरीके से संगम स्नान की व्यवस्था सुचारू रूप से की गई थी।
समाजवादी सरकार में श्रमिकों के सम्मान के साथ कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी। विभिन्न क्षेत्रों के कारीगरों को सुविधाएं देने के साथ उनके शिल्प के विक्रय और प्रदर्शन की भी व्यवस्था की गई थी। शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में तो स्थिति बदतर हो गई है। समाजवादी सरकार ने लैपटाप बांटे थे, कन्या विद्याधन दिया था भाजपा सरकार वादे के बावजूद छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप नहीं दे सकी। समय से बच्चों को यूनीफार्म, जूते, मोजे, स्वेटर, देने के बजाय उसमें भी घपला नज़र आया है। समाजवादी पेंशन खत्म है। बिजली का एक यूनिट भी उत्पादन नहीं हुआ पर बिजली बांटने के लम्बे-चैड़े दावे हो रहे हैं।
भाजपा सरकार को सत्ता में आए हुए दो वर्ष हो रहे है। अब तक हर क्षेत्र में असफलता और विकास के नाम पर विनाश की कार्यवाही को ही भाजपा राज में प्राथमिकता मिली है। मंहगाई से जनता त्रस्त है। हर तरफ असंतोष और आक्रोश है और देश को नई सरकार, नया प्रधानमंत्री देने का संकल्प है। फिर भी राज्यपाल महोदय ने तमाम राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भाजपा सरकार को मिलने का चिट्ठा पेश किया है। समझ में नहीं आता है कि बिना कुछ किए धरे इतनी प्रशंसा कैसे बटोर ली गई। सच्चाई तो यह है कि समाजवादी सरकार के कामों का ही उद्घाटन का उद्घाटन और शिलान्यास का शिलान्यास करने के अलावा भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया।
समाजवादी पार्टी के विधायकों ने आज सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन कर भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के प्रति विरोध जताया है।
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