Ashok Gehlot |
दिव्यांगों के लिए हमारी सरकार ने पूर्व में जो योजनाएँ चलाई थीं, उन योजनाओं को पुनः क्रियान्वित कर जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाया जाएगा। सरकार व सामाजिक संस्थाओं का यह दायित्व है कि इन दिव्यांगों की अच्छी सेवा का उनके मन में कोई हीन भावना उत्पन्न नहीं होने दें।
गांव-गरीब और वंचित लोगों की सेवा से बड़ा कोई पुण्य का कार्य नहीं हो सकता है। राज्य सरकार यह चाहती है कि दिव्यांगों के कार्य एक छत के नीचे हो उसके लिए हमने दिव्यांगों का एक अलग निदेशालय बनाया है और इसे हम जिला स्तर पर भी सक्रिय करना चाहते हैं। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
के.पी. संघवी ट्रस्ट पावापुरी के सामाजिक कार्य सराहनीय हैं । अकाल एवं प्राकृतिक आपदा के समय ट्रस्ट के चेयरमैन एवं बाबूकाका के योगदान को मैं कभी भूल नहीं सकता। इनके परिवारजन आज भी जनकल्याणकारी कार्यों में बढ़-चढ़कर योगदान करते हैं, जो सुखद बात है।
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