उत्तर प्रदेश में नौजवान बेरोजगार है, किसान परेशान हैं, अल्पसंख्यकों में दहशत है और योगीजी के पास समय नहीं है।
Akhilesh Yadav |
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी जब से भाजपा के स्टार प्रचारक बन गए हैं, ज्यादातर समय दूसरे राज्यों के दौरे पर रहते हैं। यहां प्रदेश की जेलो में वास्तविक रामराज आ गया है। मुख्यमंत्री जी ऐसा ही रामराज पूरे प्रदेश में लाने का इरादा रखते हैं। पदारूढ़ होते उन्होने कहा था कि अपराधी जेल में होगें या प्रदेश के बाहर जाएगें। बाहर तो अपराधी गए नहीं यही प्रदेश में अपहरण, लूट, हत्या की रोजाना वारदातें करते घूम रहे है। दूसरी तरफ जो जेल में है उन अपराधियों के लिए भी सभी सुविधाएं उपलब्ध है। सबका साथ सबका विकास का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा?
भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल उन तमाम कार्यो में संलिप्त है जिनका संबंध राज्य के विकास और यहां की जनता के हितों से नहीं है। उत्तर प्रदेश में तो भाजपा पहले भी विकास कार्यो के प्रति उदासीन थी। भाजपा सरकार ने बिना कुछ किए 20 महीने गंवा दिए है। इसलिए यह सवाल पूछा ही जाएगा कि उसने विकास के कौन से काम किए है, उनका ब्यौरा तो दीजिए।
बीस माह से उत्तर प्रदेश में विकास कार्य ठप्प है। किसान को न तो लाभकारी समर्थन मूल्य मिल रहा है, न चीनी मिलें उसका बकाया अदा कर रही हैं। आलू किसान, मक्का, बाजरा, बोनेवाला किसान परेशान है। नौजवान बेरोजगारी से त्रस्त है। अल्पसंख्यकों में दहशत है। मंहगाई की मार से घरेलू अर्थव्यवस्था चैपट है। नोटबंदी-जीएसटी ने संकट की स्थिति पैदा कर दी है।
राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बिगड़ती जा रही है। महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं। समाज का कमजोर वर्ग रोज अपमानित हो रहा है। प्रशासन पंगु बना दिया गया है, उसकी क्रियाशीलता नष्टप्राय है। मुख्यमंत्री जी आतंक के जरिए काम लेने की प्रक्रिया अपना रहे हैं। प्रदेश की जनता पछता रही है। उसको अब इंतजार है सन्् 2019 का।
भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल उन तमाम कार्यो में संलिप्त है जिनका संबंध राज्य के विकास और यहां की जनता के हितों से नहीं है। उत्तर प्रदेश में तो भाजपा पहले भी विकास कार्यो के प्रति उदासीन थी। भाजपा सरकार ने बिना कुछ किए 20 महीने गंवा दिए है। इसलिए यह सवाल पूछा ही जाएगा कि उसने विकास के कौन से काम किए है, उनका ब्यौरा तो दीजिए।
बीस माह से उत्तर प्रदेश में विकास कार्य ठप्प है। किसान को न तो लाभकारी समर्थन मूल्य मिल रहा है, न चीनी मिलें उसका बकाया अदा कर रही हैं। आलू किसान, मक्का, बाजरा, बोनेवाला किसान परेशान है। नौजवान बेरोजगारी से त्रस्त है। अल्पसंख्यकों में दहशत है। मंहगाई की मार से घरेलू अर्थव्यवस्था चैपट है। नोटबंदी-जीएसटी ने संकट की स्थिति पैदा कर दी है।
राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बिगड़ती जा रही है। महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं। समाज का कमजोर वर्ग रोज अपमानित हो रहा है। प्रशासन पंगु बना दिया गया है, उसकी क्रियाशीलता नष्टप्राय है। मुख्यमंत्री जी आतंक के जरिए काम लेने की प्रक्रिया अपना रहे हैं। प्रदेश की जनता पछता रही है। उसको अब इंतजार है सन्् 2019 का।
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