Akhilesh Yadav on Ayodhya Controversy Over Ram Mandir |
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अयोध्या में आज विश्व हिन्दू परिषद, शिव सेना तथा आरएसएस ने जो उन्माद पैदा किया और जिसके पीछे भाजपा की पूरी मदद थी, उसे जनता ने गंभीरता से नहीं लिया। भाजपा के कुत्सित इरादों को विफल करने के लिए जनता धन्यवाद की पात्र है। कालाधन, किसानों की तबाही, नौजवानों की बेरोजगारी, महिलाओं पर अत्याचार आदि तमाम मुद्दों का कोई हल निकालने में भाजपा सरकारों की विफलता को ढकने के लिए ही सांप्रदायिक उन्माद पैदाकिया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र, घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे उन्हें सन् 2014 में केन्द्र में बहुमत आने के बाद भी पूरा नहीं किया गया। जनता के मुद्दों से पलायन राजनैतिक बेईमानी है। वादे पूरा न करना राजनीतिक भ्रष्टाचार है। इसके विपरीत समाजवादी पार्टी का रिकार्ड रहा है कि उसकी कथनी-करनी में कोई भेद नहीं है। समाजवादी सरकार में विकास पर ध्यान दिया गया।
भाजपा आरएसएस की नीति और नीयत दोनों जनविरोधी है। विकास और प्रगति के विरूद्ध साजिश करना, समाज को बांटना और नफ़रत पैदा करना उसका स्वभाव है। इसी के चलते 25 नवम्बर 2018 को लेकर न केवल अयोध्या अपितु देश-प्रदेश में भी आशंकाएं थी। प्रशासन ने भी अयोध्या के स्थानीय निवासियों को घरों में कैद कर दिया। दुकाने बंद हैं, बच्चे और मरीज परेशान हैं। माहौल डरावना बना दिया है। यह भी संज्ञान में रखना आवश्यक है कि सभा में वक्ताओं ने जो कुछ कहा, क्या उससे माननीय सर्वोच्च न्यायालय की मर्यादा के विपरीत आचरण तो नही है?
सच तो यह है कि 28 नवम्बर को मध्य प्रदेश में मतदान होना है। यहां भाजपा को सत्ता से बाहर करने का जनता ने मन बना लिया है। मध्य प्रदेश की जनता जिन परेशानियों से गुजर रही है, उससे उसका ध्यान हटाने के लिए ही अयोध्या का भावनात्मक मुद्दा उछाला गया है यह जानते हुए भी कि मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है। जनवरी में सुनवाई होनी है। लेकिन अब जनता भाजपा के छल और धोखे में आने वाली नहीं है। उसने भाजपा को करारा जवाब दिया है। उम्मीद है कि यह सजगता और सतर्कता जनता हमेशा बनाए रखेगी।
भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र, घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे उन्हें सन् 2014 में केन्द्र में बहुमत आने के बाद भी पूरा नहीं किया गया। जनता के मुद्दों से पलायन राजनैतिक बेईमानी है। वादे पूरा न करना राजनीतिक भ्रष्टाचार है। इसके विपरीत समाजवादी पार्टी का रिकार्ड रहा है कि उसकी कथनी-करनी में कोई भेद नहीं है। समाजवादी सरकार में विकास पर ध्यान दिया गया।
भाजपा आरएसएस की नीति और नीयत दोनों जनविरोधी है। विकास और प्रगति के विरूद्ध साजिश करना, समाज को बांटना और नफ़रत पैदा करना उसका स्वभाव है। इसी के चलते 25 नवम्बर 2018 को लेकर न केवल अयोध्या अपितु देश-प्रदेश में भी आशंकाएं थी। प्रशासन ने भी अयोध्या के स्थानीय निवासियों को घरों में कैद कर दिया। दुकाने बंद हैं, बच्चे और मरीज परेशान हैं। माहौल डरावना बना दिया है। यह भी संज्ञान में रखना आवश्यक है कि सभा में वक्ताओं ने जो कुछ कहा, क्या उससे माननीय सर्वोच्च न्यायालय की मर्यादा के विपरीत आचरण तो नही है?
सच तो यह है कि 28 नवम्बर को मध्य प्रदेश में मतदान होना है। यहां भाजपा को सत्ता से बाहर करने का जनता ने मन बना लिया है। मध्य प्रदेश की जनता जिन परेशानियों से गुजर रही है, उससे उसका ध्यान हटाने के लिए ही अयोध्या का भावनात्मक मुद्दा उछाला गया है यह जानते हुए भी कि मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है। जनवरी में सुनवाई होनी है। लेकिन अब जनता भाजपा के छल और धोखे में आने वाली नहीं है। उसने भाजपा को करारा जवाब दिया है। उम्मीद है कि यह सजगता और सतर्कता जनता हमेशा बनाए रखेगी।
Comments
Post a Comment
If You have any doubt, please let me know.