पूर्व केन्द्रीय विदेश तथा विŸामंत्री श्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि जब देश में अंधेरा था, तानाशाही के दिन थे जब जयप्रकाश जी ने दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ी। आज इमर्जेंसी से बदतर हालत है। इसकी चुनौती से हम मिलकर निबटेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्री संस्थाएं खतरे में है। मीडिया को झुकाने का काम हो रहा है। एक निष्पक्ष पत्र के सम्पादक के यहां छापा डाला गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमानी करते हैं। देश जबर्दस्ती और झूठ से नहीं चलेगा। चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े, हम इस लड़ाई को लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से भाजपा की छुट्टी होगी तो पूरे देश से छुट्टी हो जाएगी।
पूर्व केन्द्रीय विदेश तथा विŸामंत्री श्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि जब देश में अंधेरा था, तानाशाही के दिन थे जब जयप्रकाश जी ने दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ी। आज इमर्जेंसी से बदतर हालत है। इसकी चुनौती से हम मिलकर निबटेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्री संस्थाएं खतरे में है। मीडिया को झुकाने का काम हो रहा है। एक निष्पक्ष पत्र के सम्पादक के यहां छापा डाला गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमानी करते हैं। देश जबर्दस्ती और झूठ से नहीं चलेगा। चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े, हम इस लड़ाई को लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से भाजपा की छुट्टी होगी तो पूरे देश से छुट्टी हो जाएगी।
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