Akhilesh Yadav |
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में किसानों की जिंदगी तबाह है। 50 प्रतिशत से ज्यादा क्रय केंद्रो पर गेहूं की खरीद नहीं हो रही है तथा किसानों को वहां से लौटाया जा रहा है। जिन क्रय केंद्रो पर खरीद हो रही है वहां भी आसपास बिचैलियों ने अपने अड््डे बना रखे है जिनपर किसानों का खुलकर शोषण किया जा रहा है। क्रय केंद्र प्रभारियों से सांठगांठ कर बिचैलिये औने पौने दाम पर गेहूं खरीद कर क्रय केंद्रो को बेचकर मुनाफा कमा रहे है।
गेहूं क्रय केंद्रो पर किसानों से 60 से 80 रूपये तक खर्च के नाम पर पल्लेदारी, उतराई आदि के नाम पर वसूले जा रहे है। क्रय केंद प्रभारी बिचैलिये के साथ मिलकर किसानों का समर्थन मूल्य 1735 की जगह 1500 से कम रूपए में गेहूं खरीदकर किसानों का शोषण कर रहंे है।
श्री यादव ने कहा कि क्रय केंद्रो पर किसानो के लिए न पीने का पानी की व्यवस्था है और नही तपती धूप से बचाव के लिए छाया है। गरीब कमजोर किसान गेहूं लेकर क्रय केंद्रो पर जाता है तो बताया जाता है कि बोरे नहीं है। किसान को मजबूर होकर बाजार में बिचैलियों को अपना गेहूं बेचना पड़ जाता है। कई जनपदों में तो क्रय केंद्र पहले ही बंद हो गए है।
भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी स्वयं स्थिति से पूरी तरह अनजान बने हुए हैं। किसान की बदहाली से भाजपा को कोई परेषानी नहीं होती है क्योंकि वह उसकी प्राथमिकता में नही है। किसानो की आत्महत्या पर भी सरकार में कोई संवेदना नही जागती है। भाजपा सरकार पूरी तरह निरंकुश और किसान विरोधी है।
दरअसल, किसानों और गांवो के हित में समाजवादी सरकार ने कई योजनाएं लागू की थी। किसानो को मुफ्त सिंचाई, समय से खाद बीज, कीटनाषक दवाएं, सस्ते कृृषि उपकरण और आपदा में राहत की व्यवस्थाएं की गई थी। गांवो के लिए 75 प्रतिशत धनराशि बजट में रखी गई थी। भाजपा सरकार ने आते ही सब चैपट कर दिया। किसान, गरीब और वंचित समाज के लोग अब स्वयं विकल्प तलाश कर लेगे।
मुख्यमंत्री जी को जब कोई काम करना ही नही है तो गांवों मे चैपाल के बहाने किसानों को गुमराह करने का उन्होने एक तरीका ढूंढ निकाला है। लेकिन किसानों की दिलचस्पी किसी गांव में एक रात सोने वाली सरकार में नही है उन्हे सतत जागरूक सरकार चाहिए जो कृृषि की समस्याओं का समाधान कर सके। केंद्र की भाजपा सरकार के चार वर्ष और राज्य की भाजपा सरकार के एक वर्ष पर किसानों को धोखा ही हाथ लगा है। क्या यही किसानों की 2022 तक आय दुगुना करने का मंत्र है?
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