समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव से आज श्री दिनेश कुमार विद्रोेही के नेतृत्व में एससी/एसटी बेसिक
टीचर्स एसोसिएसन के प्रतिनिधिमंडल ने भेंटकर उत्तर प्रदेश में अनुसूचित
जाति/जनजाति शिक्षकों के साथ हो रहे गलत पदावनति (डिमोशन) एवं उत्पीड़न की
शिकायत की और उन्हें इस संबंध में ज्ञापन दिया।
एससी/एसटी बेसिक टीचर्स एसोसिएसन के प्रतिनिधिमंडल मे प्रदेश अध्यक्ष श्री दिनेश कुमार विद्रोही के साथ महामंत्री इंद्रेश राव, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री रामचंद्र कनौजिया, प्रदेश मंत्री श्री हरेराम गौतम भी शामिल थे।
श्री अखिलेश यादव को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन विद्यालयों में अधिकांश सभी पदोन्नतियां बैकलाग 1994 की धारा 3(2) के तहत है और सर्वोच्च न्यायालय ने इसे उचित ठहराया है। इसके बाद भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उ0प्र0 ने जातीय द्वेष भावना के तहत गलत पदावनति की एवं वेतन फ्रीज कर दिया गया है। यह पूर्णतः अनु0जाति/जनजाति वर्ग के साथ अन्याय है।
एससी/एसटी बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएसन ने मांग की है कि अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों को गलत ढंग से पदावनति करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए और गलत पदावनति हुए शिक्षकों की तुरंत पदावनति/वेतन फ्रीज वापस ली जाए। इस वर्ग के शिक्षकों को न्याय दिया जाए। अन्यथा क्रमिक अनशन एवं धरना दिया जाएगा।
एससी/एसटी बेसिक टीचर्स एसोसिएसन के प्रदेश अध्यक्ष श्री विद्रोही ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद महाराजगंज में अनुसूचित जाति/जनजाति के पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मंे कार्यरत 466 में 34 अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रधानाध्यापकों को, जो सन् 2001 में पदोन्नत पाए गए है, उनको बिना पक्ष सुने पदावनत कर दिया गया है। उनके वेतन भी फ्रीज कर दिए गए हैं। कनिष्ठ अध्यापकों को वेतन वरिष्ठ अध्यापकों से अधिक लगाकर दिया जा रहा है।
श्री अखिलेश यादव को बताया गया कि जनपद महाराजगंज के रामचंद्र कनौजिया द्वारा उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में उत्पीड़न के खिलाफ रिट याचिका दाखिल होने के बाबजूद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा लगातार उत्पीड़ित किया जा रहा है।
एससी/एसटी बेसिक टीचर्स एसोसिएसन के प्रतिनिधिमंडल मे प्रदेश अध्यक्ष श्री दिनेश कुमार विद्रोही के साथ महामंत्री इंद्रेश राव, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री रामचंद्र कनौजिया, प्रदेश मंत्री श्री हरेराम गौतम भी शामिल थे।
श्री अखिलेश यादव को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन विद्यालयों में अधिकांश सभी पदोन्नतियां बैकलाग 1994 की धारा 3(2) के तहत है और सर्वोच्च न्यायालय ने इसे उचित ठहराया है। इसके बाद भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उ0प्र0 ने जातीय द्वेष भावना के तहत गलत पदावनति की एवं वेतन फ्रीज कर दिया गया है। यह पूर्णतः अनु0जाति/जनजाति वर्ग के साथ अन्याय है।
एससी/एसटी बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएसन ने मांग की है कि अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों को गलत ढंग से पदावनति करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए और गलत पदावनति हुए शिक्षकों की तुरंत पदावनति/वेतन फ्रीज वापस ली जाए। इस वर्ग के शिक्षकों को न्याय दिया जाए। अन्यथा क्रमिक अनशन एवं धरना दिया जाएगा।
एससी/एसटी बेसिक टीचर्स एसोसिएसन के प्रदेश अध्यक्ष श्री विद्रोही ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद महाराजगंज में अनुसूचित जाति/जनजाति के पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मंे कार्यरत 466 में 34 अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रधानाध्यापकों को, जो सन् 2001 में पदोन्नत पाए गए है, उनको बिना पक्ष सुने पदावनत कर दिया गया है। उनके वेतन भी फ्रीज कर दिए गए हैं। कनिष्ठ अध्यापकों को वेतन वरिष्ठ अध्यापकों से अधिक लगाकर दिया जा रहा है।
श्री अखिलेश यादव को बताया गया कि जनपद महाराजगंज के रामचंद्र कनौजिया द्वारा उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में उत्पीड़न के खिलाफ रिट याचिका दाखिल होने के बाबजूद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा लगातार उत्पीड़ित किया जा रहा है।
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